कुरआन – अल्लाह का अंतिम संदेश
कुरआन वह मुकम्मल किताब है जो इंसान की ज़िंदगी के हर पहलू को रोशन करती है। यह हिदायत, रहनुमाई और रहमत का नूर है जो दिलों को सुकून देता है।
कुरआन का परिचय
कुरआन करीम अल्लाह का कलाम है जिसमें ईमान, इबादत, अख़लाक़, समाज, कारोबार, परिवार और इंसानी ज़िंदगी की हर ज़रूरत का जवाब मौजूद है।
30 पारों की सूची
पारा 1 – अलिफ़ लाम मीम
पारा 2 – सईक़ूल
पारा 3 – तिल्का रु्सुल
पारा 4 – लन्तनालू
пारा 5 – वल-मोहमिनून
पारा 6 – ला युहिब्बुल्लाह
पारा 7 – वल-औहेना
पारा 8 – वक़ालिल-लज़ीना
पारा 9 – कालाल-मलऊ
पारा 10 – वा'लमू
पारा 11 – याताज़ारून
पारा 12 – वा मा मिन दाब्बा
पारा 13 – व मा उबर्रिउ
पारा 14 – रबमा
पारा 15 – सबहा
पारा 16 – क़ाल अलम
पारा 17 – इक्तरबा
पारा 18 – क़द अफलह
पारा 19 – व क़ालल्लज़ीन
पारा 20 – अमन ख़लका
पारा 21 – उत्लु मा ऊहिया
पारा 22 – व मय्यक़नुत
पारा 23 – व माला'नी
पारा 24 – फ़मन अज़लम
पारा 25 – इलैहि युरद्दु
पारा 26 – हाम-मीम
पारा 27 – क़ाल-फ़मा ख़तबुकुम
पारा 28 – क़द्द समिअ
पारा 29 – तबारक
पारा 30 – अम्मा (अम्मा यतसालून)
कुरआन क्यों पढ़ें?
- दिल को सुकून देता है
- ज़िंदगी में बरकत लाता है
- परेशानी और तनाव कम करता है
- अल्लाह से करीब करता है
- सही रास्ता दिखाता है
कुरआन कैसे पढ़ें?
- हर दिन थोड़ा वक़्त निकालें
- वुज़ू करके पढ़ें
- आहिस्ता और समझकर पढ़ें
- तरजुमा भी देखें
- अमल की नीयत से पढ़ें
मशहूर सूरतें
सूरह फ़ातिहा, सूरह बक़रा, सूरह यासीन, सूरह रहमान,
सूरह वा़कि़आ, सूरह मुल्क, सूरह इख़लास, सूरह फ़लक़, सूरह नास
सूरह वा़कि़आ, सूरह मुल्क, सूरह इख़लास, सूरह फ़लक़, सूरह नास
“ऐ अल्लाह! कुरआन को हमारे दिलों की रोशनी और हमारी राहनुमाई बना दे।”
